गुरुवार, 25 जून 2020

राष्ट्रीय आय की अवधारणा

अर्थव्यवस्था के क्षेत्र (Sectors of an Economy)

अर्थव्यवस्था  आर्थिक गतिविधियों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में बाँटा गया है, जिन्हे अर्थव्यवस्था का क्षेत्रक कहा जाता है।

1.     प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector)- अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र,जहाँ प्राकृतिक संसाधनों को कच्चे तौर पर प्राप्त किया जाता है। यथा- उत्खनन, कृषि कार्य, पशुपालन, मछली, पालन, आदि ।

2.     द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector)- अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र,जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी गतिविधियों में कच्चे माल की तरह उपयोग करता है। यथा- लौह एवं इस्पात उद्योग,वस्त्र उद्योग,वाहन, बिस्किट,केक इत्यादि।

3.     तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector)- इस क्षेत्रक में विभिन्न प्रकार के सेवाओं का उत्पादन किया जाता है। यथा- बैंकिंग,बीमा,शिक्षा,चिकित्सा,पर्यटन इत्यादि।

अर्थव्यवस्था के प्रकार (Type of Economy)

अजीविका के आधार पर इनका नामकरण तीन प्रकार से किया जाता है-

1.  कृषक अर्थव्यवस्था(Agrarian Economy)

2.  औद्योगिक अर्थव्यवस्था(Industrial Economy)

3.  सेवा अर्थव्यवस्था(Service Economy)

राष्ट्रीय आय की अवधारणा (The Idea of National Income)

अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय आय का महत्वपूर्ण अवधारणा है। राष्ट्रीय आय का आकलन के

के लिए अर्थशास्त्र के चार दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है-

1.  जीडीपी (GDP)

2.  एनडीपी (NDP)

3.  जीएनपी (GNP)

4.  एनएपी (NNP)

राष्ट्रीय आय (National Income )- सकल घरेलू आय में विदेशों से प्राप्त आय को जोड़कर तथा विदेशो में भेजी गई आय को घटाकर जो आय प्राप्त होती है,उसे राष्ट्रीय आय कहते है। हस्तान्तरित आय को राष्ट्रीय आय में नही जोड़ते है।

राष्ट्रीय आय (NI) = सकल आय + विदेशों से प्राप्त होने वाली आय – विदेशों में भेजी गई आय

राष्ट्रीय आय का सर्वप्रथम लेखांकनका विचार प्रो. किन्स ने किया, पहले वैज्ञानिक प्रतिपादक बी.के.आर.बी.राव तथा इसका प्रतिपादन साइमन कुजनेट्स ने किया था। राष्ट्रीय आय को मापने की प्रथम एजेन्सी NSS है,जो कि महाबोलिस के सुझाव पर 1950 में बनायी गई। CSO की स्थापना 2 मई 1951 को रंग राजन के सुझाव पर की गई, पुनः 2019 में NSS और CSO को जोड़कर MOSPI (Ministry of statics and programme implementation-सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय )बनाई गई।

1.    जीडीपी (GDP)-  सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी भी अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का अंतिम मौद्रिक मूल्य है।

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) = बाजार कीमत  * अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा

2.          एनडीपी (NDP)- शुद्ध घरेलू उत्पाद, किसी भी अर्थव्यवस्था का वह जीडीपी है, जिसमें से एक वर्ष के दौरान होने वाली घिसावट को घटाकर प्राप्त किया जाता है।

NDP = GDP- घिसावट

3.          जीएनपी (GNP)- किसी अर्थव्यवस्था का सकल राष्ट्रीय उत्पाद,उसका जीडीपी में विदेशों से होने वाली आय को जोड़कर हासिल होता है। परन्तु भारत में अनुदान की प्राप्ति घटती गई है,इसलिए जीडीपी में विदेशों से होने वाली आमदनी जुड़ने के बजाय घटेगी।

GNP = GDP + विदेशो से अर्जित आय – विदेशों में भेजी गई आय

4.          एनएनपी (NNP)- ग्रॉस नेशनल प्रोडक्ट (GNP) में से घिसावट को घटाने के बाद जो आय बचती है, उसे ही किसी अर्थव्यवस्था का शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहते है।

NNP = GNP – घिसावट  या  NNP = GDP+ विदेशों से होने वाली आय - घिसावट

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