प्रधानमंत्री (The Prime
Minister)
संसदीय शासन
प्रणाली में प्रधानमंत्री का पद अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रपति केवल
नाममात्र का प्रधान है, जबकि सारी शक्तियाँ प्रधानमंत्री में निहित होती है। जो
मंत्रिपरिषद् निर्माण कार्य एवं उसका संचालन कार्य संभालता है। प्रधानमंत्री
मंत्रिपरिषद् की आधारशिला है, क्योंकि जब प्रधानमंत्री की किसी कारणवश निधन होने
या त्यागपत्र देने पर सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद् स्वतः भंग हो जाती है।
1. प्रधानमंत्री
की नियुक्ति- संविधान के
अनुच्छेद. 75(1) के तहत् प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। राष्ट्रपति
लोकसभा द्वारा चुने गये नेता को ही प्रधानमंत्री पर नियुक्त करता है। चाहे वही
किसी भी सदन का सदस्य हो। परन्तु प्रधानमन्त्री पद हेतु लोकसभा का सदस्य होने की
योग्यता रखना आवश्यक हो। अब तक में हुए प्रधानमंत्रियों में से इंदिरा गांधी(1966),
देवगौड़ा(1996), तथा मनमोहन सिंह(2004 और 2009) राज्यसभा के सदस्य थे। जबकि
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद हेतु निम्न सदन (हाउस ऑफ़ कामन्स) का सदस्य होना
चाहिए। कोई भी व्यक्ति जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नही है, वह प्रधानमंत्री
नियुक्त हो सकता है परन्तु उसे 6 माह के भीतर उसे किसी भी सदन की सदस्यता ग्रहण
करना आवश्यक है। यदि इस अवधि के भीतर वह सदन का सदस्य नही बन पाता है, तो उसे अपने
पद इस्तीफा देना पड़ेगा।
कुछ परिस्थितियों
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति हेतु स्वविवेक से करने का अवसर मिलता है।
यथा-
·
जब
लोकसभा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न प्राप्त हो। ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति
सबसे बड़े दल या गठबन्धन के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त कर सकता है। भारत में
पहली बार 1979 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने चौधरी चरण सिंह को,
विवेकीय शक्ति का प्रयोग कर प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
·
जब
बहुमत वाले दल में कोई निश्चित नेता न हो अर्थात जब दो समान रुप से प्रभावशाली
नेता हो।
·
जब
प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाय और कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी न हो।
·
जब
राष्ट्रपति लोकसभा भंग कर कुछ समय के लिए दूसरे व्यक्ति को नियुक्त कर दे।
·
लोकसभा
में अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर।
2. प्रधानमंत्री
की पदावधि- प्रधानमंत्री
राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपना पद धारण करेंगें। और वह तब तक अपने पद पर बना रह
सकता है। जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त हो। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव
पारित होने पर भी उसे त्यागपत्र देना पड़ता है। और यदि वह त्यागपत्र नही देता तो
राष्ट्रपति उसे पदच्युत कर सकता है।
3. प्रधानमंत्री
के अधिकार और कार्य- संविधान के
तहत् कार्यपालिका की सारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है, जो वह
मन्त्रीपरिषद् के माध्यम से करता है। किन्तु मन्त्रीपरिषद् का प्रधान
प्रधानमन्त्री होता है। और प्रधानमन्त्री ही भारतीय शासन प्रणाली का सर्वोच्च
कार्यकारी अधिकारी होता है, प्रधानमन्त्री के निम्नलिखित कार्य हैः
मन्त्रिपरिषद् के
सम्बन्ध में-
·
वह मन्त्रियों की नियुक्ति हेतु राष्ट्रपति से सिफारिश
करता है। और राष्ट्रपति उन्हें नियुक्त करता है।
·
वह मंत्रियों को विभिन्न मंत्रालय आवण्टित करता है और
उनमें फेरबदल भी करता है।
·
वह किसी मन्त्री को त्यागपत्र देने या राष्ट्रपति को उसे
बर्खास्त करने की सलाह दे सकता है।
·
वह मंत्रिपरिषद् की बैठक की अध्यक्षता करता है। तथा उनके
निर्णयों को प्रभावित करता है।
·
वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित, निर्देशित
करता है।
·
वह पद से त्यागपत्र देकर मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर सकता
है।
राष्ट्रपति के
सम्बन्ध में-
·
वह राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद् के बीच संवाद की मुख्य
कड़ी है। (अनुच्छेद-78)
1.
संघ के कार्यकलाप के विधान संबंधी मंत्रिपरिषद् के सभी
विनिश्चय राष्ट्रपति को सूचित करता है।
2.
संघीय कार्यकलाप के प्रशासन के संबंध में राष्ट्रपति
द्वारा मांगी गई जानकारी उसे दे
3.
राष्ट्रपति द्वारा अपेक्षा किये जाने पर किसी ऐसे विषय
को मंत्रिपरिषद् के समक्ष विचार हेतु रखे, जिस पर किसी मन्त्री विनिश्चय कर दिया
हो,किन्तु मन्त्रिपरिषद् ने विचार न किया हो।
·
वह राष्ट्रपति को विभिन्न पदाधिकारियों जैसे- भारत का
महान्यायवादी, भारत का नियन्त्रक महालेखा परीक्षक, संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष
एवं उसके सदस्यों, चुनाव आयुक्तों, वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं उनके सदस्यों एवं
अन्य की नियुक्ति के सम्बन्ध में परामर्श देता है।
· वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र बुलाने एवं सत्रावसान करने सम्बन्धी परामर्श देता है।
|
भारत के प्रधानमंत्री |
|
|
नाम |
कार्यकाल |
|
जवाहरलाल नेहरु |
15/08/1947
- 27/5/1964 (निधन) |
|
गुलजारी लाल
नन्दा |
27/05/1964
- 9/6/1964 (कार्यवाहक) |
|
लालबहादुर शास्त्री |
09/06/1964
- 11/1/1966 (निधन) |
|
गुलजारीलाल
नन्दा |
11/01/1966
- 24/1/1966 (कार्यवाहक) |
|
इंदिरा गाँधी |
24/01/1966
- 24/3/1977 |
|
मोरारजी देसाई |
24/03/1977
- 28/7/1979 |
|
चरण सिंह |
28/07/1979
- 14/1/1980 |
|
इंदिरा गाँधी |
14/01/1980
- 31/10/1984 (निधन) |
|
राजीव गाँधी |
31/10/1984
- 2/12/1989 |
|
विश्वनाथ प्रताप
सिंह |
02/12/1989
– 10/11/1990 |
|
चन्द्रशेखर |
10/11/1990
– 21/06/1991 |
|
पी.वी. नरसिंह
राव |
21/06/1991
– 16/05/1996 |
|
अटल बिहारी वाजपेयी |
16/05/1996
– 01/06/1996 (16 दिनों हेतु) |
|
एच.डी. देवगौड़ा |
01/06/1996
– 21/04/1997 |
|
इन्द्रकुमार गुजराल |
21/04/1997
– 09/03/1998 |
|
अटल बिहारी
वाजपेयी |
19/03/1998
– 13/10/1999 |
|
अटल बिहारी वाजपेयी |
13/10/1999
– 22/05/2004 |
|
डॉ. मनमोहन सिंह |
22/05/2004
– 26/05/2014 |
|
श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी |
26/05/2014
– 31/05/2019 |
|
श्री नरेन्द्र
दामोदर दास मोदी |
31/05/2019 से
अब तक |
4.वे
मुख्यमंत्री जो प्रधानमंत्री बने-
मोरारजी देसाई(महाराष्ट्र), चौधरी चरण सिंह(उत्तर प्रदेश), वी.पी. सिंह(उत्तर
प्रदेश), पी.वी. नरसिम्हा राव(आन्ध्र प्रदेश), एच.डी.देवगौड़ा(कर्नाटक) एवं श्री
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी(गुजरात) अपने राज्यों के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात्
देश के प्रधानमंत्री बने।
उपप्रधानमंत्री(Deputy Prime Minister)-
संविधान में उपप्रधानमंत्री पद का कोई प्रावधान नही है, पर यह विशुद्ध रुप
से एक राजनीतिक पद है। अब तक कुल आठ उपप्रधानमन्त्री नियुक्त किये जा चुके है।
|
भारत के उपप्रधानमन्त्री |
|||
|
क्र. |
उपप्रधानमंत्री |
पदावधि |
प्रधानमंत्री |
|
1 |
सरदार वल्लभ भाई पटेल |
15/08/1947 – 15/12/1950 |
जवाहर लाल नेहरु |
|
2 |
मोरारजी देसाई |
13/03/1967 – 19/07/1969 |
श्रीमती इन्दिरा गांधी |
|
3 |
जगजीवन राम,चौधरी चरण सिंह |
24/01/1979 – 28/07/1979 |
श्री मोरारजी देसाई |
|
4 |
वाई.बी.चव्हाण |
28/07/1979 – 14/01/1980 |
चौधरी चरण सिंह |
|
5 |
चौधरी देवी लाल |
02/12/1989 – 01/08/1990 |
विश्वनात प्रताप सिंह |
|
6 |
चौधरी देवी लाल |
10/11/1990 – 21/06/1991 |
चन्द्रशेखर सिंह |
|
7 |
लाल कृष्ण आडवाणी |
29/06/2002 – 22/05/2004 |
अटल बिहारी वाजपेयी |











